तारें हैं बाराती
शीर्षक :- तारे है बाराती
***********
आकाश व सपना घर से भाग कर आये थे उन दोनौ के पास रहने के लिए कोई आशियाना नही था। वह दोनौ दोनौ आकाश के दोस्त राजन के पास ठहरे हुए थे।
राजन के फ्लैट के पास ही एक पार्क था । उसी पार्क में वह दोंनौ बैठे हुए थे शाम के सात से ऊपर बज रहे थे। आकाश में तारे चमक रहे थे।
सपना आकाश से पूछने लगी," आकाश हमारी कल शादी है। परन्तु हमरी शादी में बाराती तो है ही नहीं। "
आकाश दुःखी होकर बोला," हाँ सपना तुम ठीक कह रही हो हमारी शादी मे बाराती भी नहीं है और न डीजे बजेगा। और कोई डान्स करने वाला भी नही है। "
सपना बोली," आकाश हमने क्या सोचा था और यह क्या होगया। यह कोई शादी है यह तो केवल एक रस्म निभानी है । "
आकाश बोला," ऐसा नहीं सोचते हैं । कोई बात नही है हमारी शादी के गवाह चन्दा मामा होंगे और बाराती आकाश मे टिम टिमाने वाले तारे होंगे।देखो सपना गगन तारौ से कितना सुन्दर लग रहा है चन्दा मामा की चाँदनी कितनी धवल है कल पूर्णिमा है। और कल ही हम दोनौ शादी के अटूट बन्धन में बंध जायेंगे। फिर हमें कोई अलग नहीं कर सकेगा।"
सपना निराशा भरे स्वर में बोली ," आकाश तुम मुझे लालीपाप देरहे हो मै सब समझती हूँ जो द्वन्द युद्ध मेरे मन में चल रहा है वही तुम्हारे आन्दर भी चल रहा है। तुम मुझे लालीपौप देकर भुलाने की कोशिश कर रहे हो। "
" नहीं सपना मै तुम्है समझा रहा हूँ। हमें आने वाले समय के साथ समझौता करना ही होगा। जो निर्णय हमने लेलिया अब हम उसके विपरीत भी नहीं जा सकते है । हमें अपने दिल को समझाना ही होगा।", आकाश उसे समझाने की कोशिश करता हुआ बोला।
दूसरे दिन एक मन्दिर में दोनौ विवाह के बन्धन में बंध गये उन दोंनौ की शादी के गवाह चन्दा मामा ही बने और गगन मे टिम टिमारहे तारे बाराती बनकर आये।
सपना के मन में एक टीस अवश्य थी कि यह सब क्या होगया। यह कैसी शादी थी जिसमें उनको कोई आशीर्वाद देने वाला ही नहीं था। पन्डितजी ने भी मन्त्रोच्चार डरते हुए ही किया था। क्यौकि वह भी जानते थे कि यह दोंनौ अपने माता पिता को धोका देकर आये हैं।
परन्तु पन्डित जी को तो अपनी दक्षिणा से मतलब था। ऐसे समय पर ताम झाम कम होती है और दक्षिणा अधिक मिल जाती है । और समय भी कम लगता है कोई भी टोका टोकी करनेवाला भी नहीं होता है।
दोनौ ने पन्डितजी के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लिया और दोनौ ने एक दूसरे का मुँह मीठा करवाया। अब वह दोनौ कानूनन पति पत्नी बन गये थे।।
इस तरह उनकी शादी मे चन्दा मामा और तारे ही बाराती बनकर आये थे।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
25/08/2022
शताक्षी शर्मा
28-Aug-2022 01:01 PM
Behtarin rachana
Reply
Ajay Tiwari
26-Aug-2022 08:47 PM
Very nice
Reply
Mithi . S
26-Aug-2022 01:56 PM
👌👌
Reply